सड़क के किनारे, पुल-फ्लाईओवर के नीचे कड़ाके के ठंड में सो रहे ग़रीब भाइयों को निजी कोष से कंबल बाँटे तथा उनसे वार्तालाप कर उनकी विभिन्न समस्याओं और अपेक्षाओं को जाना।